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राजलक्ष्मी ने एकाएक नि:श्वास छोड़कर कहा, “सो करने दो। जिस साधना से तुमको पाया जाता है उससे तो भगवान भी मिल सकते हैं। यह वैष्णव बैरागियों का काम नहीं है। मैं ...